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नमस्ते लंडन!

12 mins. read

Published in the Sunday Navbharat Times on 19 January, 2025

हमने यहाँ विंडो के पास बैठकर बेहतरीन नज़ारों का मज़ा लेते हुए इस शानदार शहर के लिए टोस्ट रेज़ किया। हमारे नीचे की ओर टॉवर ब्रिज शाम की रोशनी में चमक रहा था...

क्या आप कभी किसी ऐसी जगह पर गए हैं, जहाँ आप पहुँचे तो पहली बार हों, पर वहाँ जाकर आपको तुरंत अपने घर जैसा अपनापन महसूस हुआ हो? जहाँ सब कुछ नया होने के बावजूद भी वहाँ की हवा में आपको एक सुकून देने वाला परिचित एहसास मिला हो? नवीनता और एक अस्पष्ट सी जान-पहचान के इस मेल से उस जगह पहुँचने की खुशी बढ़ जाती है। वहाँ जाकर ऐसा लगता है, जैसे यही वह जगह है, जिसे देखने का आपने सपना सँजोया था। मेरे लिए वह जगह है लंडन।

मैं पहली बार 1999 में पढ़ाई के लिए लंडन गई थी। वह मेरे लिए एक ऐसा अनुभव रहा है, जिसके बारे में सोचकर अब मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से जीवन का एक अलग हिस्सा था। उस समय भारत एक बहुत ही अलग जगह थी, जहाँ प्रौद्योगिकी और दूरसंचार सेवाएँ उतनी उन्नत नहीं थीं और विदेश यात्रा के लिए तैयारी करते समय बड़ी सावधानी रखनी पड़ती थी। इसके अलावा एक बात यह भी थी कि मैं पूरे एक साल के लिए बाहर जा रही थी। इन सबके बावजूद, जैसे ही मैं लंडन पहुंची, मुझे वहाँ अपने घर जैसा महसूस हुआ।

लंडन में एक ऐसा चार्म था, जिसने मुझे तुरंत ही अपनी ओर आकर्षित कर लिया। मुझे वहाँ पहले ही महीने में यह एहसास हो गया था कि इस शहर में मौजूद सभी बेहतरीन जगहों को देखने के लिए एक साल भी काफी नहीं होगा। लंडन कई मायनों में तो मुझे वाकई दुनिया के एक सेंटर जैसे लगा। इसके शानदार आर्किटेक्चर, इसकी सीमलेस अंडरग्राउंड और ओवरग्राउंड रेल सिस्टम्स और आइकॉनिक मॉन्यूमेंट्स के बारे में मैंने तब तक केवल पढ़ा था, पर जब मैं इनके रूबरू हुई, तो मैं दंग रह गई।

लंडन का कलोनियल आर्किटेक्चर, जिसमें वहाँ के आर्चेस, कॉलम्स और पत्थरों से बनी भव्य इमारतें शामिल हैं, मुझे अपने घर की अलग-अलग जगहों की याद दिलाता था, जैसे मुंबई का फोर्ट एरिया, कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल या शिमला की हेरिटेज साइट्स भी। इन समानताओं के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा के व्यापक उपयोग से लंडन मेरे जैसे इंडियन ॅवलर को यकायक किसी जानी-पहचानी जगह जैसे लगता है।

अपनी उस पहली ट्रिप के बाद मैं लगभग हर साल लंडन जाती रही हूँ, और यह शहर अभी भी मुझे सरप्राइज़ करता है। मैं अपनी हर ट्रिप में उन हिडन जेम्स को खोजती हूँ, जिन्हें मैं पहले नहीं देख पाई थी। इससे यह साबित होता है कि लंडन जैसी जगह पर एक्सप्लोरेशन कभी खत्म नहीं होता है। आप कल्पना कीजिए कि मुझे कितना शॉक लगा होगा, जब मेरे बचपन की सबसे प्यारी दोस्त ने बड़ी ही लापरवाही से कह दिया कि वह लंडन की अपनी पिछली ट्रिप पर उस जगह से बहुत इंप्रेस नहीं हुई है। यह सुनते ही मैंने तुरंत तय किया कि मैं उसकी यह सोच बदलकर रहूँगी और उसे वह लंडन दिखाऊँगी, जिससे मैं बेहद प्यार करती हूँ। मैंने उसकी गलतफहमियों को दूर करने और उसे वह जादू दिखाने का दृढ़ निश्‍चय किया, जो मैं इस इनक्रेडिबल सिटी में हर बार कदम रखते ही देखती हूँ।

लंडन को 32 अलग-अलग नगरों और सिटी ऑ़फ लंडन में बाँटा गया है, जो एक अलग, ऐतिहासिक इकाई है। इन नगरों को इनर लंडन (केंद्रीय और ऐतिहासिक रूप से पुराने इलाके) और आउटर लंडन (उपनगरीय जिले) में शामिल किया गया है। लंडन शहर, जिसे अक्सर ‘द स्क्वेअर माइल‘ भी कहा जाता है, ग्रेटर लंडन के सेंटर में एक छोटा और ऐतिहासिक इलाका है। यह लंडन से अलग है और यह ‘यूनाइटेड किंग्डम‘ का एक फाइनॅनशियल और कमर्शियल हब है। लंडन शहर 43 CE में रोमन लोगों द्वारा स्थापित की गई एक मूल बस्ती है, जिसे लोंडिनियम के नाम से जाना जाता था। यह रोमन काल के दौरान व्यापार और शासन का केंद्र बन गया था।

लंडन का इतिहास 2000 साल से भी ज़्यादा पुराना है, जिसकी शुरुआत रोमनों द्वारा 43 CE में लोंडिनियम के रूप में इसकी स्थापना से हुई थी। थेम्स नदी पर स्थित यह शहर जल्द ही एक महत्वपूर्ण बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र बन गया था। रोमनों के चले जाने के बाद इस शहर का पतन हो गया था, लेकिन इसे सॅक्सन द्वारा फिर से खड़ा किया गया और बाद में इसे नॉर्मन्स ने और भी मज़बूती दी। उन्होंने 11वीं शताब्दी में टॉवर ऑ़फ लंडन का निर्माण किया था।

बचपन में मैं अक्सर लंडन और इंग्लंड के संदर्भों से भरी नर्सरी कविताएँ गाती थी, जिसमें क्वीन को देखने के लिए लंडन जाने वाली क्यूरियस पुसीकॅट से लेकर हमेशा याद रहने वाली ‘लंडन ब्रिज इज़ ़फॉलिंग डाउन‘ तक शामिल हैं। इन कविताओं के पीछे भी समृद्ध इतिहास है, जैसे कि वाइकिंग्स द्वारा इस ब्रिज पर हमला करके उसे नुकसान पहुँचाने की थ्यौरी या यह तथ्य कि सदियों से कर्इं अलग-अलग संरचनाओं को ‘लंडन ब्रिज‘ नाम मिला है। हालाँकि, हम सब जिस आइकॉनिक छवि की कल्पना करते हैं, वह असल में टॉवर ब्रिज है, जो विक्टोरियन इंजीनियरिंग का एक आश्‍चर्यजनक कारनामा है जो आज भी थेम्स नदी के किनारे जहाजों के गुजरने के लिए खुलकर उन्हें रास्ता देता है।

पास ही ऐतिहासिक टॉवर ऑ़फ लंडन है, जहाँ विश्‍व प्रसिद्ध क्राउन ज्वेल्स हैं, जिसमें शानदार कोहिनूर हीरा भी शामिल है, जो दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक है। यहाँ बीफइटर या योमन वॉर्डर्स पहरा देते हैं, जिनके पास रॅवेन्स की दिलचस्प कहानियाँ हैं, जिनकी वे ह़िफाज़त करते हैं। एक किंवदंती ऐसी है कि अगर कभी रॅवेन्स यहाँ से चले गए तो इस राज्य का पतन हो जाएगा। नदी के थोडे ही आगे, आपको लंडन आय मिलेगा,जो ग्लास कॅप्सूल्स वाला एक विशाल फेरिस व्हील है, जहाँ से लंडन और शहर के बीच से बहती थेम्स नदी के दिलकश नज़ारे मिलते हैं। किसी दिन आबो-हवा स़ाफ होने पर, यहाँ से आप विंडसर कॅसल भी देख सकते हैं, जो महारानी का एक आधिकारिक निवास स्थान है।

इस शहर के और करीब जाने पर आप बकिंगहम पॅलेस और उसके आसपास के बाग-बगीचों से होकर गुज़रते हैं। यहाँ हर दिन चेंजिंग ऑ़फ गार्ड्स की परंपरा निभाई जाती है, जो अपने आप में एक शानदार नज़ारा होता है। लेकिन मुझे यहाँ सबसे ज़्यादा पसंद है पॅलेस के चारों ओर मौजूद विशाल पार्क्स - ग्रीन पार्क और सेंट जेम्स पार्क। यहाँ से करीब ही मौजूद है हाइड पार्क, जहाँ मशहूर स्पीकर्स कॉर्नर है। यहाँ लोग अपने विचार साझा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह खुले संवाद की एक सदियों पुरानी परंपरा है।

जब भी कोई मुझसे पूछता है कि लंडन में मुझे क्या करना सबसे ज़्यादा पसंद है, तो मेरा जवाब हमेशा एक ही होता है, ‘यहाँ पैदल घूमना‘। लंडन में घूमना एक ऐसा अनुभव है जो किसी और जगह से अलग है, खासकर तब, जब आप शहर के बीचों-बीच हाइड पार्क में हों। जब आप पैदल शहर की सैर करते हैं तो आपके सामने इस शहर का आकर्षण कई परतों में खुलता है, जैसे यहाँ की अनजान गलियाँ, अनोखे कॅफे, जिंदा स्ट्रीट आर्ट और उम्मीदों से परे इतिहास के वह कोने, जो आपकी नज़रें पड़ने के इंतज़ार में होते हैं।

लंडन को सही मायनों में समझने के लिए आपको यहाँ कदम दर कदम इसमें डूबना होता है, और मैं अपने इस अनुभव को अपनी दोस्त के साथ साझा करने के लिए बेताब थी।

चूँकि मेरी दोस्त और मैं पहले ही लंडन की सभी खास जगहों को देख चुके थे, इसलिए हमने उन जगहों पर जाने का फैसला किया, जो आम रास्तों से अलग हटकर हैं। हम दोनों पी.जी. वुडहाउस की किताबें पढ़ते हुए बड़े हुए थे। जीव्स और बर्टी वूस्टर की हरकतों को पढ़ने का आनंद हमारे जीवन को जीवंत बना देता था, और हमने यहाँ सड़कों, जंटलमेन्स क्लब्स, हॅट शॉप्स और ट्रेन स्टेशन्स को अपनी कल्पनाओं में देखा था। इसलिए मेफेअर से अपनी टूर शुरू करना तो बनता ही था।

लंडन के सबसे प्रतिष्ठित जिलों में से एक म़ेफेअर, शान और विलासिता का एक पर्याय है। जॉर्जियन आर्किटेक्चर, हाय-एंड बुटीक्स, ़फाइव्ह स्टार होटलें और वर्ल्ड-क्लास डायनिंग के लिए जाना जाने वाला यह शहर अपनी ऱिफाइंड लाइ़फ स्टाइल की एक झलक पेश करता है। जब भी आप लंडन में टहल रहे हों, तब वहाँ की इमारतों पर लगी नीले रंग की नेम प्लेट्स को देखें। आप अक्सर ऐसी जगहों से गुज़रते हैं, जहाँ कभी मशहूर हस्तियाँ रहती थीं। यहाँ हमें इतिहास के उस हिस्से से जुड़ना बड़ा ही अद्भुत लगता है जो आज भी जिंदा है। ब्रिटिश लायब्ररी के पास रसेल स्क्वेअर में मैं उस बिल्डिंग में गई, जहाँ चार्ल्स डिकन्स रहते थे। म़ेफेअर में हमने एक नेम प्लेट देखी, जो कह रही थी कि यहाँ कभी बी जिस रहा करते थे। आखिर में हम डनरेवन स्ट्रीट पहुँचे, जहाँ पीजी वुडहाउस खुद रहते थे। यह हमारी साहित्यिक यात्रा के लिए एक सही श्रद्धांजलि थी।

हमारा अगला पड़ाव था नॉटिंग हिल और पोर्टोबेलो रोड पर मौजूद विंटेज मार्केट। रोमॅंटिक कॉमेडी ‘नॉटिंग हिल’ में अमर हो चुका यह जीवंत बाज़ार हमेशा अपने रंग-बिरंगे मकानों, युनिक अँटिक्स और यहाँ के जिंदा वातावरण के साथ अपने आगंतुकों को आकर्षित करता रहा है। टाइमलेस एलिगन्स की अपनी थीम को आगे बढ़ाते हुए हमने अपनी शाम ‘द रिट्ज़‘ में बिताई, जो लंडन में बेहतरीन आफ़्टरनून टी परोसने के लिए एक मशहूर होटल है। यह एक बेहतरीन ब्रिटिश एक्सपीरिअन्स है।

अगले दिन हम कॉवेंट गार्डन गए, जो स्ट्रीट परफॉर्मर्स, बुटीक शॉप्स और व्हायब्रंट फूड स्टॉल्स से भरा एक चहल-पहल भरा इलाका है। कॉवेंट गार्डन में एक जादुई आकर्षण है, जहाँ हमें ऐतिहासिक वास्तुकला के साथ जीवंत आधुनिक माहौल का शानदार और बेजोड़ मेल मिलता है। यहाँ से कुछ ही दूरी पर कॅमडेन मार्केट है, जो खाने-पीने के शौकीनों के लिए एक और स्वर्ग है, जहाँ हर कोने पर दुनिया भर के स्ट्रीट फूड व्हिज़िटरों को लुभाते हैं। आधुनिक भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए हम पहुँचे डिशूम, जो एक ऐसा रेस्टोरेंट है, जहाँ हमें बॉम्बे के फ़्लेवर और लंडन के कॉस्मोपोलिटन फ़्लेवर का बेहतरीन मेल मिलता है।

हमने आखिर में द शार्ड नामक एक रेस्टोरेंट में एक सेलिब्रेटरी डिनर के साथ अपनी यात्रा पूरी की। हमने यहाँ विंडो के पास बैठकर बेहतरीन नज़ारों का मज़ा लेते हुए इस शानदार शहर के लिए टोस्ट रेज़ किया। हमारे नीचे की ओर टॉवर ब्रिज शाम की रोशनी में चमक रहा था, जो लंडन की उस क्षमता का एक आदर्श प्रतीक है, जिसके अंतर्गत यह शहर अपनी कहानी के अतीत को एक चमचमाते वर्तमान के साथ संतुलित करने में माहिर है। जब हमने अपने इस स़फर की ओर पीछे मुड़कर देखा, तो हमारे सामने यह स्पष्ट हो गया कि लंडन केवल एक शहर नहीं है, बल्कि यह वह अंतहीन कहानी है, जिसे सुना जाना हमेशा बाकी रहता है। तो आप अपना यह स़फर कब शुरू कर रहे हैं?

January 17, 2025

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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